National Pension Scheme(NPS): नेशनल पेंशन स्कीम क्या है? NPS के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

National Pension Scheme(NPS): हमारे इस आर्टिकल में आपका स्वागत है आज हम बात करने वाले National Pension Scheme के वारे में। क्या आप जानते है नेशनल पेंशन स्कीम क्या है? और इसमें निवेश कैसे किया जाता है यदि आप नहीं जानते है इसके बारे में तो आज हम बताने बाले है। नेशनल पेंशन स्कीम क्या है ,इसमें कैसे काम किया जाता है ,इसके प्रकार ,बेनिफिट्स ,रिस्क ,इसमें कैसे इन्वेस्ट करे ,इतिहास और पृष्ठभूमि आदि के बारे बताने बाले है तो चलिए जानते है NPS के बारे में।

National Pension Scheme(NPS): नेशनल पेंशन स्कीम क्या है? NPS बारे में सम्पूर्ण जानकारी

हर नौकरीपेशा को किसी ना Public Provident Fund (PPF)किसी समय में यह चिंता होती है कि वर्तमान में सब ठीक है, लेकिन जब नौकरी नहीं रहेगी तो आय कैसे होगी, यानी रिटायरमेंट के बाद की आय की चिंता होती है। इस समस्या का समाधान एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) के माध्यम से किया जा सकता है । एनपीएस (NPS) का मतलब है नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)। एनपीएस एक पेंशन योजना है, जिसमें व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए निवेश करता है।

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Table of Contents

National Pension Scheme(NPS) Introduction(परिचय):

राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme या NPS) एक भारत सरकार द्वारा संचालित निवेश-सह-पेंशन योजना है जिसमें लोग अपने रिटायरमेंट के बाद की आय के लिए निवेश करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य भाविष्य के वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

What is a National Pension Scheme? (नेशनल पेंशन स्कीम क्या है?)

राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) भारत में सरकार द्वारा संचालित एक पेंशन बचत और निवेश योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, खासकर उनके व्यावसायिक जीवन के अंत में। यह योजना पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority) द्वारा नियामित और प्रबंधित की जाती है। एनपीएस व्यक्तियों को बाजार-आधारित विभिन्न निवेश विकल्पों में निवेश करने का अवसर प्रदान करती है, जिससे वे अपने रिटायरमेंट के लिए एक निधि बना सकें। यह योजना योगदानों और निवेश विकल्पों में लचीलापन और कर लाभ के साथ साथ कई अन्य लाभ भी प्रदान करती है, जिससे यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक attractive option है।

Importance of retirement planning (विदायक योजना का महत्व)

पेंशन योजना से लोगों को निवेश करने और अपनी बचत संचित करने का अवसर प्राप्त होता है जिससे सेवानिवृत्ति के समय उन्हें नियमित आय की एक निश्चित राशि मिले। यह एक वार्षिक योजना के रूप में काम करती है जिसमें निवेशक नियमित योगदान देते हैं और सेवानिवृत्ति के समय एक निश्चित अंश या राशि को प्राप्त करते हैं। इसके जरिए लोग अपनी रिटायरमेंट की आय के लिए बचत करते हैं और वित्तीय सुरक्षा की स्थिति में सुधार करते हैं।

Purpose of the NPS (एनपीएस का उद्देश्य)

Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) द्वारा यह योजना शुरू की गई है, जो असंगठित क्षेत्र (Unorganized Sector) के श्रमिकों सहित भारत के सभी नागरिकों को वृद्धावस्था सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए है।


एनपीएस का उद्देश्य भारतीय नागरिकों को व्यावसायिक जीवन के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह एक बचत और निवेश योजना है जो उन्हें सेवानिवृत्ति के समय आवश्यकतानुसार नियमित आय की सुनिश्चित करती है। इसके माध्यम से, व्यक्ति लंबे समय तक अपने भविष्य के लिए निधि (Fund) बना सकता है और रिटायरमेंट के दौरान स्वतंत्रता (Freedom) का आनंद उठा सकता है।

NPS History and Background (एनपीएस का इतिहास और बैकग्राउंड)

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का इतिहास और बैकग्राउंड सरकार द्वारा पेंशन क्षेत्र में सुधार के प्रति प्रेरित कदमों का परिचायक है। एनपीएस की आधिकारिक शुरुआत 1 अप्रैल 2009 को हुई थी, इसे सभी भारतीय नागरिकों के लिए लॉन्च किया गया, सरकारी कर्मचारियों सहित और असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए, ताकि उन्हें एक सतत पेंशन तंत्र प्रदान (Provide sustainable pension system) किया जा सके।

NPS की शुरुआत से पहले, भारत में विभिन्न विधियों के तहत कई पेंशन योजनाएं थीं, जो सभी नागरिकों को नहीं स्वरुपित (formatted) कर पा रही थीं। इनमें से कुछ शामिल हैं संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी पेंशन योजना (EPF), सार्वजनिक वित्तीय योजना (PPF) और सरकारी कर्मचारियों के लिए कई पेंशन योजनाएं थीं।

NPS की आवश्यकता एक समृद्धि और असंगठित सेगमेंट को एकीकृत और पोर्टेबल (integrated and portable) पेंशन योजना प्रदान करने की आवश्यकता से हुई थी, जिससे व्यक्तिगतों को उनके निवेश विकल्प और फंड प्रबंधकों को चुनने की लुगड़ी (Pulp) मिल सकती है। समय के साथ, एनपीएस की ढांचा विकसित हुई है, नियमों में समय-समय पर संशोधन और सुधार करने के लिए, जिससे इसकी प्रदर्शन शक्ति, लचीलापन और कवरेज में सुधार हो सके। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) एनपीएस की क्रियावली का निगरानी रखने और विनियमन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

National Pension Scheme(NPS): नेशनल पेंशन स्कीम क्या है? NPS बारे में सम्पूर्ण जानकारी

How the NPS Works (एनपीएस कैसे काम करती है)

NPS एक निवेश और पेंशन योजना है जिसमें नागरिक नियमित योगदान (Regular contribution) देते हैं। इसका निवेश बाजार पर आधारित होता है जिसमें व्यक्ति अपने निवेश को विभिन्न पेंशन फंड में निवेश कर सकते हैं। पेंशन का राशि सेवानिवृत्ति के समय उपलब्ध होती है। यह योजना विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के द्वारा प्रबंधित की जाती है और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) इसके विनियमन (Regulation) का काम करता है।

Eligibility criteria (पात्रता मानदंड)

Eligibility criteria– NPS में भाग लेने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 18 और अधिकतम 65 वर्ष की आयु होनी चाहिए। इसके लिए किसी भी भारतीय नागरिक को आवेदन कर सकते हैं, सरकारी और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग नियम लागू होते हैं। यह योजना जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय पोस्ट के माध्यम से उपलब्ध है।

Registration process (पंजीकरण प्रक्रिया)

Registration process – एनपीएस में पंजीकरण के लिए व्यक्ति को एनपीएस के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होता है। आवेदन के लिए व्यक्ति को आवश्यक विवरण और दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। आवेदन के साथ, व्यक्ति को अपने पेंशन खाते के लिए निवेश संख्या (PRAN) भी मिलता है। विवरण प्रस्तुत करने के बाद, आवेदक को अपने निकटतम एनपीएस के केंद्र में जाना होता है और केंद्र से सत्यापन प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

Contribution structure (योगदान संरचना)

Contribution structure – NPS में योगदान संरचना उपयोगकर्ता के आय और उम्र के आधार पर निर्धारित की जाती है। योगदान की मिनिमम और मैक्सिमम सीमा सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। योगदान की धारणा केंद्रीय और राज्य सरकार के नियमों के अनुसार होती है और यह व्यक्तिगत और सामूहिक योगदान की विभिन्न प्रकृतियों में किया जा सकता है। इसके अलावा, सरकार के द्वारा अनुमोदित पेंशन फंडों (Approved pension funds) में निवेश किया जा सकता है जो योगदान के लिए अलग-अलग विकल्प प्रदान (provide options) करते हैं।

Investment options available (उपलब्ध निवेश विकल्प)

Investment options available – NPS में विभिन्न निवेश विकल्प उपलब्ध हैं जो व्यक्तियों को उनकी आवश्यकताओं और रिस्क टोलरेंस के आधार पर चुनने की स्वतंत्रता प्रदान (grant freedom) करते हैं। इसमें Investment options available शामिल हैं: (1) इक्विटी (स्टॉक्स) निवेश, (2) देनदारी निवेश, और (3) अनुदान निवेश। इसके अलावा, व्यक्तिगत और सामूहिक निवेशकों को भी विभिन्न पेंशन फंड मिलते हैं, जो उन्हें अलग – अलग निवेश क्षमताओं की देखभाल करते हैं और अलग – अलग निवेश विकल्प प्रदान करते हैं। व्यक्तिगत प्रवृत्ति (personal inclination) और आवश्यकताओं के आधार पर निवेशक अपना निवेश विकल्प चुन सकते हैं।

National Pension Scheme Features and Benefits (एनपीएस के सुविधाएं और लाभ)

NPS एक सुरक्षित और लाभकारी पेंशन योजना है जो भारतीय नागरिकों को रिटायरमेंट के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें निवेशकों को विभिन्न निवेश विकल्प और पेंशन फंड मिलते हैं, जिन्हें वे अपनी Priorities और आवश्यकताओं के आधार पर चुन सकते हैं। इसके अलावा, एनपीएस में निवेश की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है और यह वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ टैक्स बचत भी प्रदान करती है।

Flexibility in contributions (फ्लेक्सिबिलिटी में लचीलापन)

Flexibility in contributions – NPS में निवेश की लचीलता उन्हें योग्यता और आर्थिक स्थिति के आधार पर अपनी निवेश राशि का चयन करने की स्वतंत्रता प्रदान करती है। निवेशक अपनी निवेश राशि को समय-समय पर बदल सकते हैं और निवेश राशि में वृद्धि कर सकते हैं, या फिर निवेश करना बंद कर सकते हैं। इसके अलावा, निवेशक अपने निवेश राशि को विभिन्न पेंशन फंड्स में वितरित करने का भी विकल्प चुन सकते हैं।

Tax benefits (कर लाभ)

Tax benefits – NPS का एक मुख्य लाभ यह है कि इसमें निवेश करने पर कर छूट की सुविधा होती है। निवेशक एनपीएस में किए गए निवेश पर आयकर की छूट का लाभ उठा सकते हैं, जो उनकी कुल आय को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, एनपीएस में निवेश के लिए प्रत्येक वर्ष की 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट उपलब्ध होती है। यह निवेशकों को आयकर बचत का लाभ प्रदान करता है, जिससे उनका वित्तीय भविष्य सुरक्षित रहता है।

Investment choices (इन्वेस्टमेंट का चोइसस)

Investment choices – एनपीएस में निवेशकों को विभिन्न निवेश विकल्पों में चयन करने की स्वतंत्रता है। यह निवेशकों को विभिन्न पेंशन फंड्स में निवेश करने का सुविधानुप्रयोग करने की अनुमति देता है, जो उनकी आवश्यकताओं और रिस्क प्रोफाइल के अनुसार हो सकते हैं। निवेशक इक्विटी, देनदारी, और अनुदान जैसे विभिन्न विकल्पों में निवेश कर सकते हैं और अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर अपने पोर्टफोलियो को बना सकते हैं। यह निवेशकों को उच्च स्थायिता और वित्तीय सुरक्षा की दिशा में सहारा प्रदान करता है।

Portability (पोर्टेबिलिटी)

Portability – एनपीएस में पोर्टेबिलिटी की सुविधा होती है, जिससे निवेशक अपने निवेश को अपने इच्छानुसार एक निर्धारित समय के बाद अन्य एनपीएस अकाउंट में भी स्थानांतरित कर सकते हैं। यह सुविधा निवेशकों को अपने साथ रहने वाले प्राइवेट या सरकारी नौकरी के परिवर्तन के समय में उनके निवेश को सुरक्षित और संरचित रखने में मदद करती है। यह सुविधा निवेशकों को अपनी वित्तीय योजनाओं को प्रबंधित करने में आसानी प्रदान करती है।

Annuity options at retirement (रिटायरमेंट पर एन्यूइटी विकल्प)

Annuity options at retirement – रिटायरमेंट पर एन्युइटी विकल्प – एनपीएस में रिटायरमेंट पर निवेशकों को विभिन्न एन्युइटी विकल्पों का चयन करने की सुविधा होती है। एन्युइटी विकल्प निवेशकों को उनकी रिटायरमेंट के समय की नियमित आय की सुनिश्चित करते हैं। इन विकल्पों में समावेश होते हैं: (1) फिक्स्ड एन्युइटी, (2) अनुकूलनशील एन्युइटी, और (3) स्वतंत्रता एन्युइटी। निवेशक अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के आधार पर अपने रिटायरमेंट के समय की आय को संरक्षित रखने के लिए उपयुक्त विकल्प चुन सकते हैं। यह सुविधा निवेशकों को अपने रिटायरमेंट के जीवन की नियमित आय का लाभ प्रदान करती है।

Types of NPS Accounts (एनपीएस खातों के प्रकार)

NPS में तीन प्रमुख प्रकार के खाते होते हैं। पहला होता है नियमित एनपीएस खाता, जो व्यक्तिगत निवेशकों के लिए होता है। दूसरा होता है कार्पोरेट एनपीएस खाता, जो कंपनी या संगठन के नियमित कर्मचारियों के लिए होता है। तीसरा होता है निर्गमीय एनपीएस खाता, जो निगमों और संघ शासित प्रदेशों के सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। इन सभी खातों के माध्यम से निवेशक अपने निवेश को प्रबंधित करते हैं और अपने रिटायरमेंट के लिए धन संचय करते हैं

Tier-I Account (टियर-1 खाता)

NPS का टियर-I खाता मुख्य खाता होता है, जिसमें निवेशक नियमित रूप से निवेश करते हैं। यह खाता रिटायरमेंट के लिए धन संचय करने के लिए खुला होता है। निवेशक इस खाते में प्रारंभिक निवेश की गई धनराशि पर कई वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस खाते में निवेश की गई धनराशि पर किसी भी समय पूरी या आंशिक निकासी की अनुमति नहीं होती है, लेकिन रिटायरमेंट के समय पूरी राशि को ही निकाला जा सकता है। इस खाते में निवेश के लिए टैक्स की छूट भी प्रदान की जाती है।

Tier-II Account (टियर-2 खाता)

एनपीएस का टियर-II खाता एक अतिरिक्त विकल्प (Additional options) है जो निवेशकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार धन निवेश करने की सुविधा प्रदान करता है। इस खाते में निवेशक किसी भी समय पूरी राशि निकाल सकते हैं और इसका प्रयोग वित्तीय लक्ष्यों की पूर्ति, (Accomplishment of financial goals) आपातकालीन आवश्यकता या निवेश गतिविधियों में शामिल हो सकता है। यह खाता केवल वे निवेशक खोल सकते हैं जो पहले से ही टियर-I खाता धारक हैं। इस खाते में निवेश करने के लिए कोई न्यूनतम या अधिकतम निवेश राशि का प्रावधान (Provision) नहीं होता है।

Investment in NPS Options (एनपीएस निवेश विकल्प)

एनपीएस निवेशकों को विभिन्न विकल्पों में निवेश करने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें तीन प्रमुख विकल्प हैं: (1) एक्विटी, जिसमें निवेश स्टॉक्स और इक्विटी आधारित संपत्तियों में किया जाता है। (2) कॉर्पोरेट बॉण्ड्स, जिसमें कम्पनियों के द्वारा जारी किए गए बॉण्ड्स में निवेश किया जाता है। (3) गवर्नमेंट सेक्टर, जिसमें सरकारी संस्थानों के बॉण्ड्स में निवेश होता है। निवेशक अपनी प्राथमिकताओं और रिस्क टोलरेंस के आधार पर इन विकल्पों में निवेश कर सकते हैं, जिससे उन्हें वित्तीय सुरक्षा और उच्च लाभ की सुविधा होती है।

Asset classes available (एसेट क्लासेज अवेलेबल)

एनपीएस में निवेशकों को विभिन्न संपत्ति वर्गों में निवेश करने का विकल्प होता है। इसमें तीन प्रमुख संपत्ति वर्ग होते हैं: (1) इक्विटी, जिसमें निवेश स्टॉक्स और इक्विटी आधारित संपत्तियों में किया जाता है। (2) कॉर्पोरेट बॉण्ड्स, जिसमें कम्पनियों के द्वारा जारी किए गए बॉण्ड्स में निवेश किया जाता है। (3) गवर्नमेंट सेक्टर, जिसमें सरकारी संस्थानों के बॉण्ड्स में निवेश होता है। ये संपत्ति वर्ग निवेशकों को विभिन्न रिस्क-रिवॉर्ड सीमाओं के साथ निवेश करने का विकल्प प्रदान करते हैं।

Fund managers (फंड प्रबंधक)

एनपीएस में निवेशकों के धन को प्रबंधित करने के लिए पेंशन फंड manager plans होती हैं। ये प्रबंधक विभिन्न पेंशन फंड्स को प्रबंधित करते हैं और निवेशकों के लिए उचित निवेश के फैसले लेते हैं। वे निवेशकों के लक्ष्यों, रिस्क प्रोफाइल और बाजार की स्थिति के आधार पर निवेश की रणनीति तय करते हैं। फंड प्रबंधकों की प्रमुख दायित्व होती है कि वे निवेशकों के लिए सबसे अच्छे रिटर्न और वित्तीय सुरक्षा के साथ निवेश करें। उन्हें नियमित रूप से बाजार अवलोकन करना होता है ताकि वे अच्छे निवेश के मौके पहचान सकें।

Risk-return profile (जोखिम-लाभ प्रोफ़ाइल)

एनपीएस के निवेश विकल्पों के साथ आत्मिक धनराशि को संचित करने के लिए अलग – अलग रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल होते हैं। इक्विटी संपत्तियों में निवेश करने पर अधिक रिस्क होता है, लेकिन उनका रिटर्न भी अधिक होता है। कॉर्पोरेट बॉण्ड्स में निवेश कम रिस्क के साथ आत्मिक धनराशि को संचित करने का विकल्प प्रदान करता है, जबकि सरकारी सेक्टर के बॉण्ड्स अधिक सुरक्षित होते हैं, लेकिन उनका रिटर्न कम होता है। निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क-रिवॉर्ड प्रोफाइल के आधार पर अलग – अलग विकल्पों में निवेश करना चाहिए।

Tax of NPS Benefits (एनपीएस टैक्स लाभ)

एनपीएस के लाभों पर कोई टैक्स नहीं लगता है, जब तक कि निकाली जाने वाली राशि को निकालते समय अन्य टैक्स नियमों का पालन न किया जाए। इसके अलावा, एनपीएस में की गई निवेश की राशि पर निवेशकों को आयकर के अंतर्गत 80सीसी का लाभ भी मिलता है, जो इनकी निकट भविष्य की वित्तीय सुरक्षा में मदद करता है।

NPS Withdrawal Rules (एनपीएस से पैसे निकालने के नियम)

एनपीएस से निकासी के नियम अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। सामान्यतः, एनपीएस खाताधारक अपनी उम्र के 60 वर्ष पूरे करने पर निकासी कर सकते हैं, जिसमें 60% राशि को निकाल सकते हैं और बाकी 40% को पेंशन योजना में लॉक किया जाता है। साथ ही, निश्चित आपातकालीन परिस्थितियों या विशेष कारणों के तहत भी निकासी की अनुमति हो सकती है, जैसे कि शारीरिक विकलांगता, बीमारी, विवाह या शिक्षा खर्च। निकासी की राशि पर कोई कर नहीं लगता है, अगर निकासी 60 वर्ष से पहले होती है, पैसे निकलने पर टैक्स लागू होता है।

Conditions for partial withdrawal (पार्शियल विथड्रावल के लिए शर्तें)

एनपीएस में आंशिक निकालन के लिए कुछ नियम होते हैं। एक निवेशक केवल तभी आंशिक निकालन कर सकता है जब उसके खाते में कम से कम तीन वर्षों का निवेश हो और आंशिक निकालने के समय उसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष हो। इसके अलावा, आंशिक निकालन (partial withdrawal) की अनुमति केवल निश्चित कारणों के तहत होती है, जैसे कि विवाह, स्टडी या चिकित्सा खर्च। partial withdrawal की मात्रा को व्यक्तिगत आवश्यकताओं और NPS के नियमों के अनुसार निर्धारित किया जाता है।

Process for withdrawal at retirement (रिटायरमेंट के लिए विथड्रावल का प्रक्रिया)

NPS में retirement के समय withdrawal process संविधान के अनुसार अनुकूलित होती है। निवेशक को अपने एनपीएस खाते को सेवानिवृत्ति की अनुमति के लिए आवेदन पत्र जमा करना होता है। यहां पर उन्हें उनकी आवश्यकताओं के अनुसार निकासी का विकल्प चुनने का अवसर मिलता है, जिसमें समान अंश, नियमित निकासी, या आय योजना शामिल हो सकता है। संबंधित दस्तावेजों के साथ अनुप्रयोग पत्र जमा किया जाता है, और पेंशन निधि विभाग के द्वारा इसकी प्रक्रिया संचालित की जाती है।

Comparison with Other Retirement Schemes (अन्य रिटायरमेंट योजनाओं के साथ तुलना)

एनपीएस अन्य सेवानिवृत्ति योजनाओं के साथ तुलना करने पर महत्वपूर्ण है। इसकी तुलना में दिखाई जाती है कि एनपीएस की सुविधाएं और लाभ अन्य विकल्पों की तुलना में कितनी अधिक हैं। यह निवेशकों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता, नियमित निकासी की सुविधा, और विशेष रिटर्न के साथ पेंशन सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा, एनपीएस में निवेश करने पर कोई टैक्स नहीं लगता है, जो इसे एक प्राथमिक विकल्प बनाता है वित्तीय सुरक्षा के लिए।

Public Provident Fund (PPF): सार्वजनिक वित्तीय योजना (पीपीएफ)

सार्वजनिक रोजगार संरक्षण निधि (पब्लिक प्रोविडेंट फंड, या पीपीएफ) भारतीय सरकार द्वारा प्रबंधित एक बचत और निवेश योजना है। यह व्यक्तिगत और अनुदान दोनों प्रकार की निवेशकों के लिए उपलब्ध है। पीपीएफ के तहत निवेश करने पर कर छूट और आयकर मुफ्त निकासी की सुविधा प्राप्त होती है। यह एक लंबे समय के लिए सुरक्षित और लाभकारी निवेश है जो व्यक्ति की वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाता है।

Employee Provident Fund (EPF): कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ)

कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund) एक भारतीय सरकार द्वारा प्रबंधित निधि है जो कर्मचारियों को उनकी सेवा के दौरान बचत और निवेश की सुविधा प्रदान करती है। यह कार्यकर्ताओं की सेवा के दौरान उनकी वेतन या सैलरी का निर्धारित प्रतिशत निधियों में जमा करने का नियम बनाता है जिसे वे अपने निधियों के माध्यम से सेवानिवृत्ति के बाद प्राप्त करते हैं। इसमें उपेक्षित प्रतिशत पेंशन, और विवाह और बाल्यावस्था योजनाएँ भी शामिल हो सकती हैं।

Voluntary Provident Fund (VPF): स्वैच्छिक प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ)

Voluntary Provident Fund (वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड) एक भारतीय सरकार द्वारा प्रबंधित निधि है जो कर्मचारियों को उनकी वेतन या सैलरी से निर्धारित प्रतिशत का निधियों में जमा करने की सुविधा प्रदान करती है। यह कार्यकर्ताओं के लिए आय के स्रोतों से जमा किए गए धनराशि को बचाने का एक अच्छा तरीका है और उन्हें अतिरिक्त बचत की सुविधा प्रदान करता है। इसमें केवल कर्मचारी द्वारा जमा किए गए धनराशि होती है, इसमें कोई कंपनी का योगदान नहीं होता है।

Atal Pension Yojana (APY): अटल पेंशन योजना (एपीवाई)

अटल पेंशन योजना (एपीवाई) भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित एक सरकारी निधि है जो आय के उन व्यक्तियों को लक्षित करती है जो वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता है। इस योजना के तहत, भारतीय नागरिकों को निःशुल्क एक नियमित पेंशन की सुरक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाता है, जो उनकी निधि के आधार पर निर्धारित आय के आधार पर होता है। यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के लिए उपलब्ध है और सरकार द्वारा नियमित योगदान की शर्त पर है।

Criticisms and Challenges(आलोचनाएं और चुनौतियाँ)

अटल पेंशन योजना को लेकर कुछ आलोचनाएं और चुनौतियाँ भी हैं। एकमुख्य आलोचना यह है कि योजना की निर्धारित आय रेंज में उन लोगों को छोड़ देती है जो कम आय वाले होते हैं और वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता ज्यादा होती है। चुनौतीओं में से एक यह भी है कि विभिन्न क्षेत्रों में आधुनिकिकरण के परिणामस्वरूप बच्चों को वृद्धावस्था में रोजगार मिलना मुश्किल हो सकता है, जिससे योजना की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद कितना पैसा मिलेगा?

एनपीएस में कर्मचारी अपने सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा राशि का 60% निकाल सकते हैं, जबकि बची हुई 40% राशि पेंशन योजना में निवेश की जाती है।

मैं हर साल एनपीएस में कितना निवेश कर सकता हूं?

आप एनपीएस में 1,000 रुपये महीने से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं, जिसे आप 65 साल की उम्र तक चला सकते हैं।

एनपीएस क्यों जरूरी है?

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी। एनपीएस का लक्ष्य पेंशन के सुधारों को स्थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है।

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) क्या है?

यह भारत सरकार द्वारा प्रबंधित एक पेंशन योजना है जो सेवानिवृत्ति के बाद की आय की सुरक्षा प्रदान करती है।

क्या एनपीएस में निवेश का कोई नियम है?

हां, एनपीएस में निवेश के लिए आधारित योग्यता मानदंड होते हैं, जैसे की आयु, पंजीकरण, और मिनिमम निवेश राशि।

क्या एनपीएस की निवेश राशि पर कोई चार्जेस होते हैं?

हां, एनपीएस में निवेश की गई राशि पर कुछ नियमित चार्जेस होते हैं, जैसे कि निवेश प्रबंधन शुल्क और अन्य निधि की शुल्क।

क्या एनपीएस में निवेश की गई धनराशि पर कोई टैक्स छूट है?

हां, एनपीएस में निवेश की गई राशि पर निवेशक को टैक्स छूट की सुविधा प्राप्त होती है, जो निवेशक के टैक्स लाभों को बढ़ाता है।

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