Ram lalla Pran Pratishtha: रामनगरी अयोध्या में रामलला के आगमन के लिए सभी प्रयासों को समाप्त करने का समय आ गया है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होने वाला है और इस मौके पर अयोध्या में एक उत्सव का माहौल छाया हुआ है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान भी मंगलवार से शुरू किया गया है। इन सभी तैयारियों के बीच, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष विंददेव महाराज ने यह बताया है कि धार्मिक कार्यक्रम के आखिरी 3 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ कंबल बिछाकर चौकी पर सोएंगे। और भक्त करेंगे 11 दिनों का उपवास प्राण प्रतिष्ठा के बाद करेंगे अन्न का ग्रहण चलिए इसके वारे में विस्तार से जाने
प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत टूटेगा व्रत
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पश्चात, अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा का 500 वर्षों से अधिक समय के बाद आयोजन हो रहा है। बताया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा में समर्थन देने के लिए, कोडरमा से 20 जनवरी को रामलला अयोध्या की ओर प्रस्थान करेंगे और 22 जनवरी को उन्हें प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनाया जाएगा। इस प्रतिष्ठा के बाद, उनका 11 दिनों का आध्यात्मिक अनुष्ठान शुरू होगा, जिसका व्रत उनके लिए आरंभ होगा।
समाज पर पड़ेगा प्रभाव
प्रदीप सुमन ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण से समाज में प्रभु श्री राम के मर्यादा पुरुषोत्तम और आदर्शवान होने का प्रभाव पड़ेगा, जिससे लोग संस्कृति और मौलिक मूल्यों के प्रति अधिक समर्पित होंगे। इससे सामाजिक समरसता बढ़ेगी और एक सशक्त, सभी को समाहित राष्ट्र की दिशा में कदम बढ़ाएगा। उनका मानना है कि इस प्रकार का सामाजिक परिवर्तन न केवल व्यक्ति की आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा, बल्कि देश को भी ऋषि-मुनियों की परंपरागत ज्ञान और नैतिकता की ओर प्रवृत्ति करेगा, जिससे विकास और समृद्धि की ऊंचाइयों तक पहुँच सकेगा। इससे देश अधिक विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर होगा और सामाजिक सुधार में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
पीएम मोदी करेंगे दान, देंगे उपहार
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुछ दान और उपहार की प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर उनका पूजन भी किया जाएगा। महाराज ने बताया कि Pran Pratishtha के लिए मुख्य यजमान के रूप में अनिल मिश्रा का चयन किया गया है, और उनसे धार्मिक कर्मों का प्रमुख आयोजन करने का कार्य सौंपा जाएगा। गोविंददेव महाराज ने रामलला की प्रतिमा के मुखाबिंदु पर बाल भाव के साथ देव भाव का वर्णन किया और बताया कि उन्होंने मंदिर के लिए बलिदान देने वालों की भावना को समर्पित करने के लिए जटायु जी की मूर्तियाँ बनाई गई हैं, जिनका पूजन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जाएगा।
श्री रामचरितमानस से मिल रही आंतरिक ऊर्जा
इन 11 दिनों के अवसर पर, वह नींबू पानी और थोड़ी मात्रा में फलाहार का पालन कर रहे हैं। इस अवधि में, उन्होंने प्रातः-सायं श्री रामचरितमानस का पाठ और पूजा में लगाव बनाए रखकर अपने आंतरिक ऊर्जा को संजीवनी बूती की भांति महसूस किया है। इन ग्यारह दिनों के उपवास के दौरान, उन्होंने अपने दैहिक और मानसिक कार्यों में भी समर्पित रहे हैं। Pran Pratishtha के बाद, वह अन्न का सेवन आरंभ करेंगे।